आपको सदैव अपने चित्त में बसाये हुये। आपकी अपनी संस्कारित बेटी। आपको सदैव अपने चित्त में बसाये हुये। आपकी अपनी संस्कारित बेटी।
पांच साल के इस बच्चे नें अब तक न किसी किसी की मृत्यु देखी थी और न कोई लाश! पांच साल के इस बच्चे नें अब तक न किसी किसी की मृत्यु देखी थी और न कोई लाश!
यह कठोर कदम नहीं उठाती तो शायद उसके बच्चे उसके पास ही नहीं होते। यह कठोर कदम नहीं उठाती तो शायद उसके बच्चे उसके पास ही नहीं होते।
ये कहानी एक ऐसी लड़की की है जो बहुत ही संस्कारी है। ये कहानी एक ऐसी लड़की की है जो बहुत ही संस्कारी है।
ये तपस्या इतनी आसान नहीं होगी फरीद।” क़ाशनी साहब मुस्कुरा रहे थे। ये तपस्या इतनी आसान नहीं होगी फरीद।” क़ाशनी साहब मुस्कुरा रहे थे।
मजबूत मन से उसने गाँव पैदल जाने का इरादा छोङ दिया और दाल चावल चढाने के जुगाङ में लग गयी मजबूत मन से उसने गाँव पैदल जाने का इरादा छोङ दिया और दाल चावल चढाने के जुगाङ में...